एक बार मेरे भाई बहनों ने हमें होली में आने का निमंत्रण दिया और मजाक मे मेरी बहन बिन्नी और भाई पप्पू ने उस निमंत्रण पत्र में कुछ सामानों का लिस्ट देकर लिख दिया, आते समय यह सामान लेते आइयेगा। उस निमंत्रण पत्र का जवाब मेरे पति "श्री लल्लन प्रसाद ठाकुर" ने कविता द्वारा दी। :
अरे भाई मैं तो धन्य हुआ,
पर ये सामान की लम्बी लिस्ट,
कपडे, तकिया, मछरदानी ,
सूजी, मैदा, आटा और साथ मे चीनी,
सोच सोच कर सन्न हुआ।
ससुर बुलाएं हम ना आयें
सास खिलाएं हम ना खाएं
साली जी होली में बुलाएं,
कहो भला, ऐसी होली हम न मनाएँ।
प्रिय ,
हम किसी कोने में स्थान ग्रहण कर लेंगें ।
जरूरी नहीं कि आप हमें सजा सजाया सेज दें ,
पर सामान की लम्बी लिस्ट के लिए,
पैसे तो कृपया भेज दें।
पैसे भेज दें, तार या मनि आर्डर से,
अरे साली जी, इतना तो हम वापस कर ही देंगे ,
सिर्फ़ आपके एक किस से।
(If you agree)
Sunday, May 24, 2009
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