" माँझी गीत "
- लल्लन प्रसाद ठाकुर -
हैया रे हैया रे हैया हैया रे, हैया रे हैया रे हैया हैया रे ----
- लल्लन प्रसाद ठाकुर -
हैया रे हैया रे हैया हैया रे, हैया रे हैया रे हैया हैया रे ----
लहरि उठल छमाछम हवा चलल सनन सन ,
मयुर मन नाचि उठल सावन में संग संग, अहाँ आओर हम अहाँ आओर हम
हैया रे हैया रे हैया रे .............................
संग हमर मीत हमर माँझी के गीत हमर
सावन के रंग में सजनी नहायल
मयुर मन नाचि उठल सावन में संग संग, अहाँ आओर हम अहाँ आओर हम
हैया रे हैया रे हैया रे .............................
संग हमर मीत हमर माँझी के गीत हमर
नदिया के जल सन निर्मल पिरीत हमर
यौवन के चढ़ल रंग सावन में संग संग, अहाँ आओर हम अहाँ आओर हम
हैया रे हैया रे हैया हैया रे ....................
हैया रे हैया रे हैया हैया रे ....................
सावन के रंग में सजनी नहायल
घुँघरू छमकी उठल झनकी उठल पायल
थिरकी रहल अंग अंग, सावन में संग संग, अहाँ आओर हम अहाँ आओर हम
हैया रे हैया रे हैया हैया रे .....................
पिया बिनु चैन कहाँ चान बिनु रैन कहाँ
माँझी तों लेने चल प्रेमक हो देश जहाँ
बिरहा के फुजल अगन सावन में सँग सँग अहाँ आओर हम अहाँ आओर हम
हैया रे हैया रे हैया रे .........................
हैया रे हैया रे हैया हैया रे .....................
पिया बिनु चैन कहाँ चान बिनु रैन कहाँ
माँझी तों लेने चल प्रेमक हो देश जहाँ
बिरहा के फुजल अगन सावन में सँग सँग अहाँ आओर हम अहाँ आओर हम
हैया रे हैया रे हैया रे .........................
1 comment:
बहुत सुंदर प्रेम प्रकृति मिश्रित गीत- आभार
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