" दिल धड़कल आँखि फरकल "
दिल धड़कल आँखि फरकल
खाइते काल में सरकल
भोरका गाड़ी सँ आबि रहल छथि
घर वाली घर वाली
भेंटत काल्हि सँ फेरो
आलुक साना पाइन सन दालि
सबटा रोटी झरकल
दिल धड़कल ...........
काल्हि सँ फेर हाथ में झोरा
बौआ रहता हमरे कोरा
देवी जी आगू आगू
चाकर हम पाछू पाछू
जीप के पाछू में टेलर
जाइछै जेना गुड़कल
दिल धड़कल ...........
मौज छल कत्ते कहे छी सत्ते
होटल सिनेमा रोज अलबत्ते
सांझ छल आला कतेको बाला
अर्ध परिधान में देखय वाला
देवी जी के लटकल ठोढ़
आँखि सँ सदिखन झहरैत नोर
कोनो पहाड़ सँ झरना
जाई छै जेना झहरल
दिल धड़कल ..........
नैहरक गुणगान एकेटा तान
छेरि छेरि क खेती कान
बाप हमर इ देलैंह अहाँ बूते की भेल
आई धरि एकोटा सारियो ने किनी भेल
देवी जी के दुर्गा रूप
फज्जहति सुनियो करय छथि चुप
करेजा हम्मर फाटय जेना
कैंची सँ फाटय मलमल
दिल धड़कल .............. ।
- लल्लन प्रसाद ठाकुर -
दिल धड़कल आँखि फरकल
खाइते काल में सरकल
भोरका गाड़ी सँ आबि रहल छथि
घर वाली घर वाली
भेंटत काल्हि सँ फेरो
आलुक साना पाइन सन दालि
सबटा रोटी झरकल
दिल धड़कल ...........
काल्हि सँ फेर हाथ में झोरा
बौआ रहता हमरे कोरा
देवी जी आगू आगू
चाकर हम पाछू पाछू
जीप के पाछू में टेलर
जाइछै जेना गुड़कल
दिल धड़कल ...........
मौज छल कत्ते कहे छी सत्ते
होटल सिनेमा रोज अलबत्ते
सांझ छल आला कतेको बाला
अर्ध परिधान में देखय वाला
देवी जी के लटकल ठोढ़
आँखि सँ सदिखन झहरैत नोर
कोनो पहाड़ सँ झरना
जाई छै जेना झहरल
दिल धड़कल ..........
नैहरक गुणगान एकेटा तान
छेरि छेरि क खेती कान
बाप हमर इ देलैंह अहाँ बूते की भेल
आई धरि एकोटा सारियो ने किनी भेल
देवी जी के दुर्गा रूप
फज्जहति सुनियो करय छथि चुप
करेजा हम्मर फाटय जेना
कैंची सँ फाटय मलमल
दिल धड़कल .............. ।
- लल्लन प्रसाद ठाकुर -
1 comment:
देवी जी के दुर्गा रूप
फज्जहति सुनियो करय छथि चुप
करेजा हम्मर फाटय जेना
कैंची सँ फाटय मलमल
दिल धड़कल .............. ।
बड नीक लागल। सहज प्रस्तुति.. मज़ेदार।
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